BSEB 12th Chemistry Subjective Questions Answers 2024 | Part – 8
1. तनु घोल के अणुसंख्य गुणधर्म को लिखें। विभिन्न प्रकार के अणुसंख्य गुणधर्मों को लिखें।
उत्तर – विलयन का अणुसंख्य गुणधर्म वह है जो विलयन में उपस्थित विलेय के कणों की संख्या पर निर्भर करता है, कणों के आकार या रासायनिक प्रकृति पर नहीं। उदाहरण के लिए, विलयन का परासरणी दाब, वाष्प- दाब का अवनमन, क्वथनांक उन्नयन और हिमांक का अवनमन विलयन के अणुसंख्य गुणधर्म हैं।
2. आइसोटोनिक विलयन किसे कहते हैं?
उत्तर – आइसोटोनिक विलयन वे हैं जिनके परासरणी दाब एक ही ताप पर समान होते हैं। यदि ऐसे दो विलयनों को किसी अर्द्धपारगम्य झिल्ली द्वारा एक-दूसरे से पृथक कर दिया जाए तो उनमें परासरण (Osmosis) की क्रिया नहीं होगी।
3. संचायक बैटरी से आप क्या समझते हैं?
उत्तर – इस प्रकार के सेल विद्युत धारा या ऊर्जा को बाह्य स्रोत की सहायता से संग्रहित करता है जिसे चार्ज होना कहते हैं और डिस्चार्ज की स्थिति में यह संग्रहित विद्युत ऊर्जा को सप्लाई करता है और इसलिए इस प्रकार के सेल या बैटरी को स्टोरेज या संचायक बैटरी कहा जाता है।
4. प्राथमिक सेल से आप क्या समझते हैं?
उत्तर – वह सेल जिसमें रासायनिक अभिक्रियाएँ केवल एक बार होती है, प्राथमिक सेल कहलाती है। जैसे— (i) शुष्क सेल या लेकलांशे सेल (ii) मरकरी सेल। यह सेल कुछ समय तक प्रयोग के बाद निष्क्रिय हो जाती है और इन्हें पुनः प्रयोग और रिचार्ज नहीं किया जा सकता है।
5. इलेक्ट्रोड और इलेक्ट्रोड विभव को परिभाषित करें ?
उत्तर – छड़, प्लेट या शीट (Foils) जिससे विद्युत धारा वैद्युत अपघटनी सेल या माध्यम में प्रवेश करती है या बाहर निकलती है इलेक्ट्रोड कहलाता है। कैथोड बैट्री के ऋणात्मक सिरे से तथा एनोड बैट्री के धनात्मक सिरे से जुड़ा रहता है।
इलेक्ट्रोड विभव : धातु इलेक्ट्रोड और विलयन में उपस्थित उसके आयन के मध्य विभवांतर, इलेक्ट्रोड विभव कहलाता है। या, किसी इलेक्ट्रोड के इलेक्ट्रॉन त्यागने या प्राप्त करने की प्रवृत्ति इलेक्ट्रोड विभव कहलाती है।
BSEB 12th Chemistry Subjective Questions Answers 2024 | Part – 8
6. मानक इलेक्ट्रोड विभव की परिभाषा दें।
उत्तर – इलेक्ट्रोड विभव का मान विलयन में धातु आयन के सांद्रण और ताप पर निर्भर करता है। इसीलिए, इलेक्ट्रोड विभव का निर्धारण प्रायः मानक अवस्थाओं में किया जाता है। मानक अवस्था का अर्थ है, धातु आयनों का सांद्रण 1 मोलर (1 M) होना चाहिए और ताप 298 K. इन अवस्थाओं में निर्धारित इलेक्ट्रोड विभव मानक इलेक्ट्रोड विभव (standard electrode potential) कहलाते हैं। इन्हें E° से निरूपित किया जाता है।
7. लवण सेतु क्या है? इसके क्या उपयोग हैं?
उत्तर – लवण-सेतु एक U-आकार की नली होती है जिसमें जिलेटिन मिश्रित KNO3 या KCI या NH4NO3 का गाढ़ा विलयन रहता है।
उपयोग – लवण-सेतु के जरिए एक विलयन से दूसरे विलयन में आयनों का गमन होता है, किंतु दोनों विलयन परस्पर मिश्रित नहीं हो पाते। इस प्रकार, बाहरी विद्युत परिपथ में इलेक्ट्रॉन गमन करते हैं, जबकि भीतरी विद्युत परिपथ में एक विलयन से दूसरे विलयन में आयनों का गमन होता है। इसके अतिरिक्त, लवण-सेतु के कारण दोनों विलयनों की विद्युतउदासीनता कायम रहती है। यदि लवण-सेतु का प्रयोग नहीं किया जाए, तो विद्युत प्रवाह नहीं हो सकता।
8. प्रबल और दुर्बल वैद्युत अपघट्य क्या हैं? एक-एक उदाहरण दें
उत्तर – प्रबल विद्युत अपघट्य—वे पदार्थ जिनकी आयनन की मात्रा उच्च होती है, प्रबल विद्युत अपघट्य कहलाते हैं। उदाहरण – KCI दुर्बल विद्युत अपघट्य- —वे पदार्थ जिनकी वियोजन की मात्रा कम होती है, दुर्बल विद्युत अपघट्य कहलाते हैं। उदाहरण — NH4OH
9. विशिष्ट एवं समतुल्यांक चालकता को परिभाषित करें।
उत्तर – विशिष्ट चालकता : विशिष्ट प्रतिरोध का व्युत्क्रम, विशिष्ट चालकता कहलाता है। अर्थात् किसी वैद्युत अपघट्य विलयन का एक सेमी’ आयतन की चालकता 01 विशिष्ट चालकता कहलाती है। इसे K (कैपा) द्वारा सूचित किया जाता है।
समतुल्यांक चालकता : वैद्युत अपघट्य विलयन में एक ग्राम तुल्यांक द्वारा उत्पन्न चालकता समतुल्यांक चालकता कहलाता है। इसे E से दर्शाया जाता है।
10. विशिष्ट चालकता एवं मोलर चालकता क्या है?
उत्तर – किसी सुचालक के प्रतिरोधकता के व्युत्क्रम को उसकी चालकता कहा जाता है। इसे K (kappa) द्वारा सूचित किया जाता है
मोलर चालकता : भिन्न-भिन्न Electrolytes के विद्युत चालकता की स्पष्ट व्याख्या करने के लिए मोलर चालकता पद प्रस्तुत किया गया। इसे AI द्वारा सूचित दिया जाता है