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BSEB 12th Chemistry Subjective Questions Answers 2024 | Part – 7

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BSEB 12th Chemistry Subjective Questions Answers 2024 | Part – 7

1. काँच को अतिशीतित द्रव्य क्यों माना जाता है ?

उत्तर – काँच के कण गुरुत्वाकर्षण की दिशा में धीरे-धीरे गतिशील होते हैं। बहुत पुराना होने पर इसके नीचे का भाग ऊपरी भाग की अपेक्षा मोटा हो जाता है। कणों में गतिशीलता द्रव का लक्षण है। अतः काँच को अतिशीतित द्रव माना जाता है।

2. बिन्दु दोष आप क्या समझते हैं?
उत्तर – वैसी दोष बिन्दु दोष कहलाती है, जिसमें किसी रवादार पदार्थ में परमाणु या आयन के परितः आदर्श व्यवस्था से विचलन होती है।

3. नेटवर्क ठोस किसे कहते हैं? एक उदाहरण दें।

उत्तर – जिन ठोसों में परमाणुओं के मध्य सहसंयोजक बंध पाए जाते हैं। सहसंयोजक बंधों के द्वारा इस प्रकार के ठोस विशाल अंतरबंधीय संरचना रखते हैं। अतः ये नेटवर्क ठोस भी कहलाते हैं। जैसे— हीरा, ग्रेफाइट ।

4. रवादार ठोस क्या है? उदाहरण दें।

उत्तर – वैसे ठोस जिनमें दृढ़ता तथा असंपीड़ता होती है, परन्तु उनमें एक निश्चित ज्यामितिय आकृति होती है, रवादार ठोस कहलाती है। जैसे—शर्करा, लवण इत्यादि ।

5. क्रिस्टल बिन्दु त्रुटि से आप क्या समझते हैं?

उत्तर – क्रिस्टल के लैटिस बिन्दुओं (Lattice points) से अवयवी कणों के विस्थापन से उत्पन्न दोष को क्रिस्टल बिन्दु त्रुटि कहते हैं |

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6. ‘सॉटकी त्रुटि’ तथा ‘फ्रैंकेल त्रुटि’ के बीच क्या अंतर है?

उत्तर – शॉटकी और फ्रेंकेल दोष में निम्न अन्तर पाया जाता है—
शॉटकी दोष –
(i) इस दोष में धनायन तथा ऋणायन अपने जालक स्थलों से पूर्णतः हट जाते हैं तथा धनायन और ऋणायन की संख्या बराबर होती है।
(ii) इस दोष में Crystal का घनत्व घट जाता है।
फ्रेंकेल दोष –
(i) इस दोष में एक आयन अपने जालक बिन्दु को छोड़कर अन्तराकाशी स्थल में आ जाते हैं।
(ii) इस दोष में Crystal के घनत्व में कोई परिवर्तन नहीं होता है।
7. CsCl के बनावट का संक्षिप्त विवरण दें।

उत्तर – CsCI की संरचना में, CI आयन corner पर रहता है जबकि Cs* आयन Body centre पर रहता है। इसमें Cs एवं Cl का उपसंयोजन संख्या 8:8 होता है। Unit cell की संख्या एक होती है

8. फ्रेंकेल दोष क्या है ? उदाहरण के साथ व्याख्या करें।

उत्तर – जब क्रिस्टल जालक में से एक आयन निकलकर जालक के किसी अंतराली स्थान (interstitial position) में फँस जाता है तब उस आयन का अपना स्थान रिक्त हो जाता है। क्रिस्टल में उत्पन्न ऐसा दोष फ्रेंकेल दोष कहलाता है। इस दोष के कारण क्रिस्टल का घनत्व अप्रभावित रहता है। ऐसा दोष उन यौगिकों में पाया जाता है जिनके धनायन एवं ऋणायन के आकार में बहुत अधिक अंतर रहता है; यथा, ZnS, AgBr आदि ।

9. समपरासारी घोल किसे कहते हैं ?

उत्तर – दिए गए ताप पर समान परासरण दाब वाले दो विलयन समपरासारी विलयन कहलाते हैं” समपरासारी विलयन का समान मोलर सांद्रता होता है। जब ऐसे विलयन- अर्द्धपारगम्य झिल्ली द्वारा पृथक किये जाते हैं, तो इसके बीच परासरण नहीं होता है। उदाहरणार्थ, रुधिर कोशिका में स्थि द्रव का परासरण दाब 0.9% (द्रव्यमान/आयतन) सोडियम क्लोराइड, जिसे सामान्य लवण विलयन कहते हैं, के तुल्यांक होता है एवं इसे अंतः शिरा में क्षेपित करना सुरक्षित रहता है।

10. अपसामान्य आण्विक द्रव्यमान से आप क्या समझते हैं?

उत्तर – यदि विलयन में विलेय कणों का वियोजन या संगुणन होता है तो विलयन में विलेय कणों की संख्या परिवर्तित हो जाती है। इस कारण अणुसंख्य गुणधर्म का मान भी परिवर्तित हो जाता है। तथा विलेय का अणु भार भी परिवर्तित हो जाता है। अर्थात् विलेय का अणुभार वास्तविक अणुभार से भिन्न प्रापत होता है। इसे ही अपसामान्य आण्विक द्रव्यमान (अणुभार ) कहते हैं।

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मैं पिछले 8 वर्षों से 10वीं और 12वीं कक्षा के छात्रों को पढ़ा रहा हूँ। पढ़ाई को और अधिक प्रभावी और रोचक बनाने के लिए, मैं यूट्यूब पर ऐसे वीडियो बनाता हूँ, जो सबसे कठिन विषयों को भी आसान और सरल तरीके से समझाते हैं। इसके साथ ही, मैं अपनी वेबसाइट Ask Board पर छात्रों के लिए बेहद सरल, उपयोगी और समझने में आसान content लिखता हूँ।मैं छात्रों की परीक्षा की तैयारी के लिए tests और अन्य सहायक सामग्री भी साझा करता हूँ, जो उनकी पढ़ाई में बेहद मददगार साबित होती है। शिक्षण और ब्लॉगिंग के क्षेत्र में मेरा वर्षों का अनुभव है, और मेरा मुख्य उद्देश्य हमेशा छात्रों की सहायता करना और उनके सीखने के अनुभव को बेहतर बनाना है।

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