Bihar Board Class 12th Physics Subjective Questions Answers 2024 | Part – 4
1. सिग्नलों के बैंड चौड़ाई से क्या समझते हैं ?
उत्तर- सिग्नलों के बैंड चौड़ाई- किसी संचार व्यवस्था में संदेश सिग्नलों के आवृत्ति परास भिन्न-भिन्न होते हैं, जिसे एक स्थान से दूसरे स्थान तक हम संचारित करते हैं। संवाद का प्रारूप आवाज, संगीत, फाटो आदि के रूप में होता है। इनको संचारित करने के लिए हमें विशेष आवृत्ति के बैंड की आवश्यकता पड़ती है। आवाज संकेत की आवृत्ति 300 Hz से 3100 Hz है । अतः आवाज संकेत की बैंड चौड़ाई (3100-300) Hz • 2800 Hz होगा । दृश्यों के = प्रसारण के लिए वीडियो सिग्नलों को 4.2 MHz बैंड चौड़ाई तथा TV Signal के लिए 6 MHz बैंड चौड़ाई की आवश्यकता होती है।
2. आयाम मॉड्यूलेशन गुणांक को परिभाषित करें।
उत्तर- मॉड्यूलक तरंग के आयाम तथा वाहक तरंग के आयाम के अनुपात को मॉड्यूलन गुणांक कहा जाता है यह उस सीमा को प्रदर्शित करता है जहाँ तक वाहक तरंग का आयाम सूचना सिग्नल द्वारा परावर्तित होता है।
3. सिग्नलों के प्रभावी संचरण के लिए उच्च आवृत्ति वाली वाहक तरंगों की आवश्यकता क्यों होती है ?
उत्तर— इसके निम्नलिखित कारण हैं—
(i) प्रेषी एण्टीना की लम्बाई को व्यावहारिक लम्बाई से कम करने के लिए ।
(ii) विकिरण शक्ति बढ़ाने के लिए।
(iii) चौड़े बैंड सिग्नल को संकीर्ण बैण्ड सिग्नल में परिवर्तित करने के लिए ।
4. मॉडुलन को परिभाषित करें एवं इसके विभिन्न प्रकार को लिखें।
उत्तर— मॉडुलन — मॉडुलन वह प्रक्रिया है जिसके द्वारा उच्च आवृत्ति की वाहक तरंगों के किसी अभिलक्षण अथवा गुण को निम्न आवृत्ति की श्रव्यतरंगों के तत्क्षणिक मान के अनुरूप बदला जाता है ।
मॉडुलन की प्रक्रिया में मॉडुलन तरंग के तत्कालिक मान के संगत वाहक तरंग के अभिलक्षण अर्थात् आयाम आवृत्ति अथवा कला में परिवर्तन के आधार पर माडूलन के निम्नलिखित तीन प्रकार होते हैं-
(i) आयाम मॉडुलन (Amplitude Modulation)
(ii) आवृत्ति मॉडुलन (Frequency Modulation)
(iii) कला मॉडुलन (Fuse Modulation)
5. विमॉडुलन या संसूचन से क्या समझते हैं ?
उत्तर- विमॉडुलन – मॉडुलित तरंग में सम्मिलित वाहक तरंग तथा भेजे जाने वाले संकेत को एक दूसरे से अलग करने की प्रक्रिया को संसूचन या विमॉडुलन कहा जाता है। यह प्रक्रिया मॉडुलन क्रिया की बिल्कुल विपरित प्रक्रिया है ।
Bihar Board Class 12th Physics Subjective Questions Answers 2024 | Part – 4
6. आवृति मॉडुलन को समझावें ।
उत्तर – रेडियो तरंगों की आवृत्ति को ध्वनि संकेतों के दाब परिवर्तनों या चित्रों की प्रकाश तीव्रता के अनुसार परिवर्तित करने की प्रक्रिया से आवृति मॉडुलन कहा जाता है ।
7. आवृति मॉडुलन को समझावें ।
उत्तर- रेडियो तरंगों की आवृत्ति को ध्वनि संकेतों के दाब परिवर्तनों या चित्रों की प्रकाश तीव्रता के अनुसार परिवर्तित करने की प्रक्रिया को आवृति मॉडुलन कहा जाता है । इसमें मॉडुलक तरंगों को वाहक तरंगों के साथ इस प्रकार अध्यारोपित किया जाता है कि परिणामी मॉडुलित तरंग की आवृति मॉडुलक तरंग के तत्कालिक मान के साथ बदलती रहती है।
8. T.V. सिग्नल क्या होते है ? वे किस प्रकार ग्रहण किये जा सकते हैं ?
उत्तर- वे सिग्नल जिनकी आवृत्ति परास 80M Hz से 200MHz होती है, T.V. सिग्नल कहलाते है। चूँकि ये तरंगे न तो पृथ्वी की वक्रता का अनुसरण करती है और न ही आयन मंडल द्वारा परावर्तित होती है अतः इनका ग्रहण भू-स्थिर उपग्रह से परावर्तन के बाद संभव है अथवा बहुत ऊँचे प्रेषी एण्टीना का उपयोग करके किया जा सकता है जो सीधे ग्राही एण्टीना को सिग्नल भेज सकता है
9. कला मॉडुलन से क्या समझते है ?
उत्तर— जब वाहक तरंग की कला, मूल तरंग या मूल सिग्नल या मॉडुलक सिग्नल के अनुसार परिवर्तित होती है लेकिन वाहक तरंग का आयाम और आवृत्ति में कोई परिवर्तन नहीं होता है तो कला मॉडुलन कहा जाता है।
10. आयन मंडल क्या है ?
उत्तर — आयन मंडल – पृथ्वी के वायुमंडल का वह भाग जिससे सूर्य के तीव्र विकिरण के कारण गैसों का आयनीकरण हो जाता है, आयनमंडल कहलाता है। पृथ्वी तल से 80 किमी से 400 किमी तक के भाग को आयनमंडल कहते हैं।