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Bihar Board Class 12th Chemistry Subjective Questions Answers 2024 | Part – 1

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Bihar Board Class 12th Physics Subjective Questions Answers 2024 | Part – 1

1. कोलॉइडी विलयनों के गुणों को समझाइए ।

उत्तर— कोलॉइडी विलयनों के गुण :

(i) विषमांगी प्रकृति—कोलॉइडी विलयन विषमांगी प्रकृति का होता है क्योंकि विलयन में परिक्षिप्त प्रावस्था एवं परिक्षेपण माध्यम होता है।

(ii) दृश्यता —कोलॉइडों को नंगी आँखों से नहीं देखा जा सकता इन्हें सूक्ष्मदर्शी की सहायता से देखा जा सकता है। (iii) ब्राउनी गति — जब कोलॉइडी विलयनों को शक्तिशाली सूक्ष्मदर्शी में देखा जाता है तो कोलॉइडी कण पूरे प्रेक्षित क्षेत्र में लगातार टेढ़ी-मेढ़ी गति की अवस्था में दिखाई देते हैं । यह गति ब्राउनी गति कहलाती है।

(iv) टिन्डल प्रभाव – जब कोलॉइडी को प्रकाश के पथ की दिशा से समकोण दिशा में देखा जाता है तब वे मंद से प्रबल दूधियापन दर्शाते हैं अर्थात् प्रकाश किरण पुंज का पारगमन पथ नीले प्रकाश से प्रदीप्त हो जाता है। यह प्रभाव टिन्डल प्रभाव कहलाता है ।

(v) कोलाइडी कणों पर आवेश—कोलॉइडी कणों पर हमेशा विद्युत आवेश रहता है। विलयन के सभी कोलॉइडी कणों पर आवेश की प्रकृति समान होती है जो कि धनात्मक या ऋणात्मक हो सकती है। सॉल कणों पर आवेश एक या अधिक कारणों से होता है यथा धातुओं के वैद्युत परिक्षेपण के समय सॉल कणों के द्वारा इलेक्ट्रॉन प्रग्रहण, विलयन से आयनों का अभिमान्य अधिशोषण एवं/या विद्युतीय दोहरी परत बनने के कारण ।

2. गैल्वानिक सेल (Galvanic Cell) पर टिप्पणी लिखें।

उत्तर- गैल्वानिक सेल एक ऐसी युक्ति है, जिसके द्वारा रासायनिक ऊर्जा को विद्युत् ऊर्जा (Electrical energy) में परिणत किया जाता है। (A galvanic cell is a device for converting chemical energy into electrical energy.) वोल्टा (Volta) ने सर्वप्रथम इस प्रकार के उपकरण को जन्म दिया, जिससे रासायनिक प्रतिक्रिया द्वारा विद्युत्-धारा प्राप्त होती है। इसे ‘भोल्टाइक सेल’ कहते हैं । गैल्वानिक सेल का विद्युत्-वाहक बल (e.m.f.) सेल में होनेवाली प्रतिक्रिया की तीव्रता के समानुपाती होती है। सेल प्रतिक्रिया (Cell reaction) विद्युत्-विच्छेदन के ठीक विपरीत होती है। डेनियल सेल (Daniel Cell) गैल्वानिक सेल का एक उदाहरण है, जिनका वर्णन नीचे दिया जाता है ।

इस सेल में Zn धातु ZnSO के घोल में तथा Cu धातु CuSO4 के घोल में डूबा रहता है और दोनों घोल एक-दूसरे से साल्ट ब्रीज द्वारा अलग रहता है। दोनों इलेक्ट्रोड धातु के तार द्वारा वोल्टमीटर से होकर जुड़े रहते हैं। इस तरह के सेल का वि. वा. बल (e.m.f.) करीब एक वोल्ट होता है ।

प्रत्येक इलेक्ट्रॉड अपने आयन के घोल से घिरा रहता है और प्रत्येक पर संतुलन की स्थिति कायम रहती है,

3. बिन्दु दोष से आप क्या समझते हैं?

उत्तर— – बिंदु दोष — एक क्रिस्टलीय पदार्थ में एक बिंदु अथवा एक परमाणु के चारों ओर की आदर्श व्यवस्था में अनियमितताएँ अथवा विचलन बिंदु दोष कहलाते हैं

4. बिन्दु दोष के कितने प्रकार होते हैं ?

उत्तर – बिंदु दोषों के प्रकार—बिंदु दोष तीन प्रकार के होते हैं–

(i) स्टाइकियोमीट्री दोष

(ii) अशुद्धता दोष

  (iii)  नानस्टॉड़कियोमीट्री दोष

5. फ्रेंकेल दोष किसे कहते है 

उत्तर — यह दोष आयनिक ठोसों द्वारा दिखाया जाता है । लघुतर आयन अपने वास्तविक स्थान से विस्थापित होकर स्थान में चला जाता है। यह वास्तविक स्थान पर रिक्तिका दोष और नए स्थान पर अंतराकाशी दोष उत्पन्न करता है। फ्रेंकेल दोष को विस्थापक दोष भी कहा जाता है यह दोष ठोस के घनत्व को परिवर्तित नहीं करता ।

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6. शॉट्की दोष किसे कहते है 

उत्तर यह आधारभूत रूप से आयनिक ठोसों का रिक्तिका दोष है। विद्युत उदासीनता को बनाए रखने के लिए लुप्त होने वाले धनायनों और ऋणायनों की संख्या बराबर होती है।

7. भोजन संरक्षक क्या है ? किसी एक संरक्षक का नाम लिखें।

उत्तर – जो पदार्थ वायुमंडलीय जीवाणु और फंगस से भोज्य पदार्थ की सुरक्षा करता है, भोजन संरक्षक कहलाता है। उदाहरण— सोडियम बेंजोएट ।

8. ग्लाइकोसाइडी बंध से आप क्या समझते हैं ?

उत्तर- जब डाइसैकैराइड का जलअपघटन अम्ल या ऐन्जाइम की उपस्थिति में करवाया जाता है तो दो समान या असमान मोनोसैकैराइड प्राप्त होता है। दोनों मोनोसैकैराइड एक-दूसरे से ऑक्सीजन के माध्यम से बंधे होते हैं। जो दोनों मोनो सैकैराइड द्वारा जल अणु त्यागने से बना है। ऐसा आबंध ग्लाइकोसाइडी बंधक कहलाता है। स्टार्च तथा सेलुलोस जैसे पोलिसैकैराइड में भी ग्लाइकोसाइडी बंध होता है ।

9. क्या होता है जब सोने के घोल में जिलेटिन मिलाते हैं ?

उत्तर- गोल्ड सॉल लियोफोबिक है जिसमें जिलेटिन (Protective Colloid) मिलाने पर वह लियोफिलिक की तरह कार्य करने लगेगा ।

10. आवश्यक तथा अनावश्यक ऐमीनो अम्ल क्या होते हैं ? प्रत्येक प्रकार के दो-दो उदाहरण दीजिए।

उत्तर- आवश्यक ऐमीनो अम्ल (Essential amino acid)- ऐमीनो अम्ल जिनकी आवश्यकता मानव स्वास्थ्य तथा वृद्धि के लिए होती है लेकिन इनका संश्लेषण मनुष्य के शरीर में नहीं होता है, आवश्यक ऐमीनो अम्ल कहलाते हैं। जैसे—वेलिन, ल्यूसीन, फेनिल ऐलानीन आदि ।

अनावश्यक ऐमीनो अम्ल (Non-essential amino acid)- ऐमीनो अम्ल जिनकी आवश्यकता मानव स्वास्थ्य तथा वृद्धि के लिए होती है तथा जिनका संश्लेषण मानव शरीर में होता है, अनावश्यक ऐमीनो अम्ल कहलाते हैं। जैसे-ग्लाइसीन, ऐलानीन, ऐस्पार्टिक अम्ल आदि ।

Bihar Board Class 12th Physics Subjective Questions Answers 2024 | Part – 1

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मैं पिछले 8 वर्षों से 10वीं और 12वीं कक्षा के छात्रों को पढ़ा रहा हूँ। पढ़ाई को और अधिक प्रभावी और रोचक बनाने के लिए, मैं यूट्यूब पर ऐसे वीडियो बनाता हूँ, जो सबसे कठिन विषयों को भी आसान और सरल तरीके से समझाते हैं। इसके साथ ही, मैं अपनी वेबसाइट Ask Board पर छात्रों के लिए बेहद सरल, उपयोगी और समझने में आसान content लिखता हूँ।मैं छात्रों की परीक्षा की तैयारी के लिए tests और अन्य सहायक सामग्री भी साझा करता हूँ, जो उनकी पढ़ाई में बेहद मददगार साबित होती है। शिक्षण और ब्लॉगिंग के क्षेत्र में मेरा वर्षों का अनुभव है, और मेरा मुख्य उद्देश्य हमेशा छात्रों की सहायता करना और उनके सीखने के अनुभव को बेहतर बनाना है।

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