Bihar Board Class 12th Physics Subjective Questions Answers 2024 | Part – 7
1. प्रकाश वर्ष क्या है ?
उत्तर- प्रकाश वर्ष, लम्बाई की एक मापन इकाई है। अंतर्राष्ट्रीय खगोलीय संघ के अनुसार एक प्रकाश वर्ष वह दूरी है जो प्रकाश अपने निर्वात में एक वर्ष में पूरा कर लेता है ।
1 प्रकाश वर्ष = 9,460,8 00 000 000 km के बराबर होता है।
2. तापायनिक उत्सर्जन से क्या समझते है ?
उत्तर- धातु को अधिक गर्म करने पर स्वतंत्र इलेक्ट्रॉनों को उपयुक्त परिमाण की ऊर्जा प्राप्त हो जाती है जिससे धातु पृष्ठ से इलेक्ट्रॉनों का उत्सर्जन होने लगता है, इलेक्ट्रॉनों के इस प्रकार के उत्सर्जन की घटना को तापायनिक उत्सर्जन तथा उत्सर्जित होने वाले इलेक्ट्रॉन तापायन कहे जाते है।
3. देहली आवृति से क्या समझते है ?
उत्तर— विद्युत चुम्बकीय तरंग या प्रकाश का वह न्यूनतम आवृति जिसके लिए धातु पृष्ठ से फोटो इलेक्ट्रॉन उत्सर्जित कर सके, देहली आवृति कहा जाता है। अर्थात् फोटो इलेक्ट्रॉन के उत्सर्जन के लिए आपतित प्रकाश की आवृत्ति > देहली आवृति ।
4. अर्द्ध-आयु क्या है ?
उत्तर- प्रारंभ में उपस्थित परमाणुओं की कुल संख्या में आधे परमाणुओं के विघटित होने में एक निश्चित समय लगता है, जितने समय में परमाणुओं की आधी संख्या विघटित हो जाती है, उस समय को रेडियो ऐक्टिव का अर्द्ध-आयु कहा जाता है।
5. औसत आयु क्या है ?
उत्तर— औसत आयु (Average Life)—किसी रेडियो ऐक्टिव तत्व के परमाणु की औसत आयु, सभी परमाणुओं के आयुओं के क्षेत्र को परमाणुओं की कुल संख्या से भाग देने पर प्राप्त होती है।
Bihar Board Class 12th Physics Subjective Questions Answers 2024 | Part – 7
6. नाभिकीय रिएक्टर क्या है? इसके दो उपयोग दें।
उत्तर— नाभिकीय रिएक्टर एक यंत्र है जिसमें नाभिकीय विखंडन की नियंत्रित श्रृंखला प्रतिक्रिया के द्वारा ऊर्जा उत्पन्न की जाती है। उपयोग :
1. इसके द्वारा अनेक तत्वों के रेडियो आइसोटोप बनाए जाते हैं।
2. इसके द्वारा विद्युत शक्ति उत्पन्न की जाती है।
7. शीतलक व नियंत्रक छड़ के उपयोग बताएँ ।
उत्तर- नाभिकीय रिएक्टरों में मंदक, शीतलक व नियंत्रक छड़ के उपयोग निम्नलिखित हैं :
(i) मंदक — इसका उपयोग तीव्र न्यूट्रॉनों की गति को मन्द करने के लिए किया जाता है। साधारणतः मंदक के रूप में भारी जल, साधारण जल, ग्रेफाइट तथा बेरेलियम ऑक्साइड का उपयोग किया जाता है
(ii) शीतलक_नाभिकीय विखण्डन अभिक्रिया में उत्पन्न ऊष्मा को अवशोषित करने के लिए शीतलक का उपयोग किया जाता है। शीतलक के रूप में सोडियम तथा पोटैशियम के द्रवित मिश्रधातु, भारी जल, हवा तथा CO2 का उपयोग किया जाता है।
(iii) नियंत्रक छड़-नाभिकीय विखण्डन अभिक्रिया के फलस्वरूप उत्पन्न न्यूट्रॉनों के नियंत्रित अवशोषण के लिए नियंत्रक छड़ का उपयोग किया जाता है ताकि नाभिकीय अभिज्ञक्रिया अनियंत्रित न हो जाए। कैडमियम (Cd) तथा बोरन (B) नियंत्रक छड़ के रूप में प्रयुक्त होते हैं।
8. भारी नाभिक में न्यूट्रॉन की संख्या प्रोट्रॉन की संख्या से ज्यादा होती है क्यों ?
उत्तर— नाभिक में न्यूट्रॉन की उपस्थिति नाभिकीय स्थिरता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। इसलिए न्यूट्रॉन की संख्या भारी नाभिक में प्रोट्रॉन से ज्यादा होती है ।
9. नाभिक से a, B कण के उत्सर्जन से तत्व के परमाणु की स्थिति आवर्ततालिका में कैसे बदलती हैं ? लिखें |
उत्तर— जब नाभिक से a कण निकलते है तब तत्व का आवर्त सारणी में परमाणु संख्या दो स्थान से तथा द्रव्यमान संख्या चार स्थान से पीछे चला जाता है। जबकि नाभिक से B कण निकलते है तब तत्व का आवर्त सारणी में परमाणु संख्या एक स्थान से बढ़ जाता है। परन्तु द्रव्यमान संख्या अपरिवर्तित रहती है।
10. Y किरणों के गुण लिखें ।
उत्तर- गामा किरण के निम्नलिखित गुण है :
1. y किरणें विद्युत चुम्बकीय तरंगें हैं ।
2. इन किरणों की ऊर्जा बहुत अधिक होती है। 3. ये किरणें विद्युत क्षेत्र और चुम्बकीय क्षेत्र से प्रभावित नहीं होती
है अर्थात् ये आवेश रहित होती है।
4. ये किरणें प्रकाश की चाल में गमन करती है।
5. इनकी आयनीकरण क्षमता बहुत कम होती है। 6. इनकी बेधन क्षमता सबसे अधिक होती है ।